हमारे देश में मौसम का बदलाव कभी कभी अप्रत्याशित होता है। इसीलिए यह आम बात है कि एक मौसम से दूसरे मौसम में बड़ा बदलाव आता है। इस बार इस मौसमी बदलाव का कारण वर्षा के बारे में था।
वर्षा हमारे देश में सबसे ज्यादा बारिश वाला मौसम होता है। इस साल वर्षा के समय पर आने की स्थिति बहुत खराब रही। वर्षा के समय उन्नत और उन्नत शहरों में बारिश के वजह से अनेक समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह समस्याएं पानी से भरे रोड्स, बिजली और पानी की आपूर्ति में बाधाएं, ट्रैफिक जाम आदि शामिल होती है ।
वहीं, वर्षा के बाद गर्मी आती है, जो अधिकतर इंडियन लोगों के लिए कठिनाइयों का कारण बनती है। लेकिन इस बार वर्षा के बाद इंडिया में बहुत कम ठंडक और बहुत ज्यादा गर्मी थी। जिसका असर अभी तक दिखाई दे रहा है। इस समय दिल्ली-एनसीआर में तापमान 35-36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो कि आम तौर पर होली से पहले नहीं होता। वहीं मुंबई और चेन्नई में भी असामान्य गर्मी होने की रिपोर्टें आ रही हैं।
इस समय के मौसम की बात करें तो यह अभी तक सामान्य से बहुत दूर है। यह बात न केवल आम लोगों को परेशान कर रही है, बल्कि व्यापार और कृषि से जुड़े लोगों को भी इसका असर पड़ रहा है। कृषि सेक्टर के लिए तो यह असामान्य गर्मी काफी खतरनाक साबित हो सकती है।
गर्मियों के मौसम में बहुत से लोग अपने घरों के अंदर ही रहना पसंद करते हैं। लेकिन इस समय कोविड-19 के कारण लोगों को घरों में रहना ही पड़ रहा है।
अपने आसपास के दूसरे लोगों से दूरी बनाए रखने की सलाह दी जा रही है। गर्मी की इस तीखी धुप में अधिक समय बाहर रहने से लोगों को अपने स्वास्थ्य के लिए खतरा हो सकता है। जो लोग बाहर निकलने के लिए मजबूर हैं, उन्हें अपने खाने का ध्यान रखना चाहिए। अधिक ठंडे पदार्थों का सेवन करना न तो ठंडा लगता है और न ही उतना ही स्वस्थ रहता है। इसके साथ ही, पानी की अधिक सेवन करना भी जरूरी है।
व्यापार सेक्टर में भी इस गर्मी का असर दिख रहा है। लोगों की खरीदारी कम हो रही है, जो खुशी की बात नहीं है। यह समस्या विभिन्न वस्तुओं की बिक्री में कमी के रूप में दिख रही है। वहीं, व्यवसायिक उद्यमों में भी इस गर्मी के कारण कुछ समस्याएं हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, धूल और धुएं के कारण आधा दर्जन से अधिक उद्यमों को बंद कर दिया जा सकता है।
इस गर्मी के साथ ही कुछ ऐसी समस्याएं भी हो सकती हैं, जो असामान्य तो नहीं हैं,
उदाहरण के लिए, दिल्ली एनसीआर में अगले दिनों में धूम-धाम से मनाई जाने वाली होली के चलते पर्यावरण से जुड़ी कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। बुरी गुणवत्ता वाले रंगों का इस्तेमाल वायु प्रदूषण जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है। इससे नुकसान उठाने वाले सिर्फ इंसान ही नहीं होते, बल्कि पर्यावरण भी इससे प्रभावित होता है। इसलिए, हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम होली के रंगों का उपयोग करते समय पर्यावरण का भी ध्यान रखें। अगर हम उत्सव को स्वस्थ तरीके से मनाएंगे, तो हम पर्यावरण के लिए भी कुछ अच्छा करेंगे।
इस समय वैशाखी और रमजान जैसे कुछ अन्य उत्सव भी होने वाले हैं। इन उत्सवों के दौरान भी लोगों को सावधान रहना चाहिए। ध्यान रखें कि हम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और जरूरत पड़ने पर केवल ज़रूरी कामों के लिए बाहर जाएं।
अंततः, भारत में मौसम अपनी अनुमानयों को खरे नहीं साबित करता है। हमें अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा का ख्याल रखते हुए मौसम की सभी ताकतों से लड़ने की तैयारी करनी चाहिए। वर्षा, गर्मी और सर्दी जैसे मौसमों के साथ जूड़े सभी दुष्प्रभावों से लड़ने के लिए आपको अपने खान-पान और रवैये पर नजर रखना चाहिए।
आज हमारे देश में मौसम से जुड़ी समस्याओं का सामना करना ज़रूरी हो गया है। इस समस्याओं का सामना करने के लिए हमें सावधान रहना चाहिए। अगर हम मौसम की विशेषताओं को अच्छी तरह से समझते हैं, तो हम इससे बचने और उसके साथ सही तरीके से जुड़ने के लिए तैयार रहेंगे।
इसलिए, हमें अपने मौसम से संबंधित जानकारी को सक्षम होना चाहिए। हमें अपने शहर में निकटतम मौसम केंद्र से अपडेट प्राप्त करने की सलाह दी जाती है। हमें मौसम से संबंधित सभी सुझावों का पालन करना चाहिए ताकि हम अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा का ख्याल रख सकें।
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